एतिहासिक जंगेश्वर मंदिर

By Arun Kumar

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प्राचीन व ऐतिहासिक शिव मंदिरों में से एक पलवल के जगेश्वर मंदिर में श्रावण माह में हर सोमवार को हजारो श्रद्धालु आकर पूजा अर्चना करते हैं। इस मंदिर की मान्यता दूर-दूर तक है।

पुराने शहर में स्थापित यह मंदिर लोगों की आस्था का मुख्य केंद्र माना जाता है। पड़वा से पूनो तक श्रावण माह में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। पौराणिक व एतिहासिक महत्वमादर का पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व है।

मंदिर का पुनःनिर्माण

यह इसके नाम से ही पता लगता है। मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। पहले इस मंदिर को विधर्मियों ने तोड़कर इसके ऊपर अन्य निर्माण कर दिए थे फिर इसे काफी संघर्ष के बाद हासिल किया गया। खुदाई की गई तो प्राचीन शिवालय निकला। सन् 1802 में इस मंदिर का पुनःनिर्माण किया गया।

मूर्ति व मंदिर के निर्माण की विशेषता मंदिर में स्थापित शिवलिंग पत्थर का है। मौजूदा लोगों में से किसी को नहीं मालूम कि यह कितना पुराना है। मंदिर के पुजारी राम कुमार बताते हैं कि यह कुदरती है। इस शिवालय का मुख्य मूख पूर्व की तरफ है जबकि इसके दो अन्य दरवाजे पश्चिम व दक्षिण की तरफ खुलते हैं।मंदिर की स्थापत्य शैलीजगेश्वर मंदिर की स्थापत्य शैली अन्य शिव मंदिरों की तरह ही है। इसका निर्माण करवैया ईटो व व चूने से किया गया है। बाद का सारा निर्माण बड़ी इंटों व सीमेंट का है मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र बने हुए हैं।पूजा, दिनचर्या, सामग्री व आराधना मंदिर में रोजाना पूजा अर्चना होती है।

रोजाना सैकडो लोग पूजा अर्चना करते हैं। श्रावण माह में यह संख्या हजारों में पहुंच जाती है। मंदिर में मेले का सा माहौल रहता है। सोमवार को विशेष श्रृंगार किया जाता है। बेल यत्र आक, धतूरे शिवलिंग पर चढ़ाए जाते हैं। पलवल से बाहर के श्रद्धालु भी पूजा अर्चना के लिए आते है। श्रवण माह में प्रतिदिन शाम को दूध दही, गंगाजल, शहद आदि से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है।

हर सोमवार को फूल बंगला सजाया जाता है। ठंडाई व खीर का प्रसाद बाटा जाता है। अब पुराना मंदिर तोड़कर नया मंदिर बनाया गया है। उनके अनुसार शिवलिंग पृथ्वी से निकलकर अपने आप स्थापित हुआ।

निष्कर्ष

एतिहासिक जंगेश्वर मंदिर बड़ा ही रोचक मंदिरों में से माना जाता है। ऐतिहासिक शिव मंदिर में से एक यह मंदिर बहुत ही सुप्रसिद्ध मंदिरों में माना जाता है।

Q. जंगेश्वर मंदिर का पुनःनिर्माण कब हुआ ?

A. जंगेश्वर मंदिर का पुनःनिर्माण सन् 1802 में हुआ।

Q. जंगेश्वर मंदिर किस देवी देवता का मंदिर है?

A. जंगेश्वर मंदिर भगवान शिव का प्राचीनतम मंदिरों में से एक हैं।

Arun Kumar

Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.

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