दूधेश्वरनाथ मन्दिर का इतिहास

By Arun Kumar

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दूधेश्वरनाथ मन्दिर

यूपी/गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सबसे प्राचीतम मंदिरो में से एक दूधेश्वरनाथ मंदिर (Dudheshwarnath Temple को माना जाता है इस का इतिहास लंकापति रावण (Lankapati Ravana) के काल से जुड़ा हुआ है।

इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि – यहां पर लंकापति के पिता विश्रवा ने कठोर तप किया था। जोकी ऐसा माना जाता है यहां भगवान दूधेश्वरनाथ (Dudheshwarnath) के लगातार दर्शन से मात्र सेभक्तों की सारी मुरादे पूरी होती है।

पुराणों में दूधेश्वर मठ का वर्णन

दूधेश्वर मंदिर की बात करे तो इसे पुराणों में हरनंदी (हिरण्यदा) {Harnandi (Hiranyada)} नदी के तट पर हिरण्यगर्भ ज्योतिलिंग का वर्णन मिलता है।

जहां पुलस्त्य के पुत्र एवं लंकापति रावण के पिता विश्वश्रवा (Vishwashrava) ने घोर तपस्या किया था। बता दे यहां पर रावण ने भी यहां पूजा-अर्चना किया था।

कालांतर में हरनंदी नदी (Hernandinadi River)का नाम हिंडन (है Hindon) हो गया और हिरण्यगर्भ ज्योतिलिंग (Hiranyagarbha Jyotirlinga) ही दूधेश्वर महादेव मठ मंदिर (Dudheshwar Mahadev Math Temple) में जमीन से साढ़े तीन फीट नीचे स्थापित स्वयंभू दिव्य शिवलिंग (self-proclaimed divine Shivalinga) है।

छत्रपति शिवाजी के द्वारा बनवाने की भी है मान्यता

दूधेश्वरनाथ मंदिर (Dudheshwarnath Temple ) का मुख्य द्वार एक ही पत्थर को तराश कर बनाया गया है। दरवाजे के बीच में भगवान गणेश विद्यमानb Lord Ganesha exists) है जिन्हें इसी पत्थर को तराश कर बनाया गया है। कुछ लोगों का मानना है कि इस मंदिर को छत्रपतिशिवा जी महाराज ने बनवाया था।

550 वर्षों से मंदिर

दूधेश्वर मंदिर की बात करे तो यह करीब 550 वर्षों से मंदिर में महंत परम्परा बना हुआ है। इन सभी की समाधियां मंदिर प्रांगण (है mausoleum temple courtyard) में हैं। वर्तमान में सोलहवें श्रीमहंत नारायण गिरी श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर (Sixteenth Shrimahant Narayan Giri Shri Dudheshwar Nath Math Mahadev Temple) के पीठाधीश हैं। इस मंदिर में एक धूना जलता है,जिसके बारेमेंमान्यता (Boutrecognition) है कि यह कलयुग में महादेव के प्रकट होने के समय से ही जलती है।

निष्कर्ष

भारतीय सरकार में आपका स्वागत है दोस्तों इस मंदिर से संबंधित पूरी जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुंचा दी गई। यहां पर लंकापति के पिता विश्रवा ने कठोर तप किया था। जोकी ऐसा माना जाता है यहां भगवान दूधेश्वरनाथ (Dudheshwarnath) के लगातार दर्शन से मात्र सेभक्तों की सारी मुरादे पूरी होती है।

FAQ

Q. दूधेश्वर नाथ मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?

A. यह प्राचीतम मंदिरों में से एक है लोगो का मान्यता है कि यहीं लंकापति रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने कठोर तप कर मंदिर का निर्माण किया था।

Q. दूधेश्वरनाथ मन्दिर कहा स्थित हैं?

A. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हैं।

Q. श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर किस मठ से जानते है।

A. श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव के नाम से जानते है।

Arun Kumar

Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.

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