नर्वदेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास

By Arun Kumar

Updated on:

Advertisements

नर्वदेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास

आगरा। जिले के बटेश्वर में यमुना की धार मोड़ने के लिए बनाए गए अर्द्ध चंद्राकार बांध पर नर्वदेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। मंदिर में स्थापित नर्वदेश्वर महाराज का शिवलिंग लंबे आकार का है। इस तरह का शिवलिंग शायद ही कहीं मंदिर में देखने को मिले। सावन के अलावा हर सोमवार व कार्तिक पूर्णिमा पर विशाल मेला का आयोजन किया जाता है।

मंदिर का इतिहास

1646 में तत्कालीन भदावरनरेश बदन सिंह द्वारा यमुना नदी की धार को विपरीत दिशा में मोड़ने के लिए बांध बना ब्रह्मलाल मंदिर की स्थापना की गई थी। उसी कालखंड के आसपास नर्वदेश्वर मंदिर का निर्माण माना जाता है। बटेश्वर में बनी शिव मंदिर श्रृंखला में नर्वदेश्वर महाराज के मंदिर का विशेष स्थान है।

मंदिर की विशेषता

नर्वदेश्वर मंदिर यमुना नदी के तट पर बना है। जबयमुना नदी का जलस्तर बढ़ता है, तब ऐसा लगता है कि नदी मंदिर का आचमन कर बह रही हो। चांद की चांदनी में जब मंदिर का प्रतिबिंब यमुना नदी में दिखता है, तो वह दृश्य मनोहारी होता है। कारण यमुना नदी की धार ने इसी स्थान पर पूरा मोड़ लिया है। श्रद्धालु सावन व अन्य सोमवार को बेलपत्र आदि चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं।

मंदिर करीब 380 साल पुराना है। मंदिर में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए मन्नत मांगने व पूजा करने आते हैं। मुराद पूरी होने पर अभिषेक व घंटा चढ़ाते हैं। इसका शिवलिंग अपने आप में अद्भुत है।

-खिलौना गोस्वामी, महंत

बटेश्वर में वैसे तो हरे सोमवार को श्रद्धालु पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन सावन के सोमवार को पूजा करना अधिक फलदायी है। इस कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आकर मन्नत मांगते हैं।

-स्वर्ण लता, श्रद्धालु

Q. नर्वदेश्वर महादेव मंदिर किस देवी देवता का मंदिर है?

A. नर्वदेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव का मंदिर है।

Q. नर्वदेश्वर महादेव मंदिर कितना साल पुराना है?

A. मंदिर करीब 380 साल पुराना है।

Q. मंदिर के पुजारी कोन है?

A. खिलौना गोस्वामी जी

Arun Kumar

Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.

Leave a comment