प्रेमनिधि के विहारीजी मंदिर; श्रीकृष्ण भक्तों के लिय असीम

मथुरा और वृंदावन के करीब होने के कारण आगरा की धरती भी भगवान श्रीकृष्ण के चमत्कारों से अछूती नहीं है। यहां उनके कई मंदिर हैं, जिनमें श्रद्धालुओं की अपार श्रद्धा है। इन्हीं मंदिरों में से एक है नाई की मंडी, कटरा हाथी शाह स्थित प्रेमनिधि के विहारी जी का मंदिर। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के असीम भक्त प्रेमनिधि के नाम पर है, जिनकी भक्ति जन-जन में लोकप्रिय हो गई।

मंदिर का इतिहास

500 वर्ष से अधिक प्रचीन मंदिर भक्तिकालका है। पहले यह रावतपाड़ा में था, लेकिन औरंगजेब काल में मूर्ति पूजा निषेध किए जाने के बाद उसे यहां चुपके से एक घर में बनाया गया। मंदिर में एक तहखाना भी है, जिसमें पहले दो मूर्तियां रखी जाती थीं। बाद में एक विग्रह ओरछा के राजा अपने साथ लेगए और वहां स्थापित कराई। अब मंदिर में एक विग्रह स्थापित है, जिनकी कठिन सेवा होती है

मंदिर की विशेषता

मान्यता है कि इस मंदिर को बिहारी जी के अनन्यभक्त प्रेमनिधि जी ने स्थापित किया था। वह बिहारी जी को अर्पित करने के लिए रोजाना भोर होने से पहले यमुना से लाते थे। एक दिन वर्षा के कारण अंधेरी रात में उन्हें जाने में मुश्किल हुई तो अचानक एक 10 वर्ष का बालक हाथ में मशाल लेकर उनके पास आया और उन्हें यमुना तक ले गया। लौटाकर भी लाया।

जब तक प्रेमनिधि कुछ समझते वह गायब हो गया था। उन्होंने मंदिर के बाहर देखा तो मशाल और बांके बिहारी की पोशाक तेल से भीगी हुई मिली। दो वर्ष पूर्व श्रीराम कथा वाचक जगद्‌गुरु रामभद्राचार्य भी इस मंदिर में पहुंचे थे और भगवान की मूर्ति से लिपटकर रोए थे

पुजारी

प्रेस निधि जी की प्रसिद्धी की उसने सत्संग बंद कराकर उन्हें कारागार में डाल दिया। रात्रि में अकबर को सपना आया, जिसमें एक पैगंबर उससे बोले कि मुझे प्यास लगी है और जल पिलाने वाले को तूने बंद कर रखा है। इस पर अकबर ने उन्हें आजाद कर क्षमा मांगी। – हरिमोहन गोस्वामी, महंत

श्रद्धालु

मंदिर की क्षेत्र में बहुत महता है। बाहर से सामान्य घर जैसा है, लेकिन अंदर इसका स्वरूपयह पूर्ण मंदिर है। विग्रह की सेवा की अनुमति भी सीमित लोगों को है। यहां काफी संख्या में लोग पूजा करने के लिए आते हैं। जन्माष्टमी पर खूब सजावट की जाती है। – दिनेश पचौरी, श्रद्धालु

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