अरविंद पांडेय
दिल्लीः बीए, बीएससी व बीकाम जैसी पढ़ाई करने के बाद कोई बेकार न घूमे इसके लिए इन कोर्सों में अब कौशल आधारित शिक्षा का तड़का लगेगा। इससे न सिर्फ इन कोसौँ की पढ़ाई और भी ज्यादा रुचिकर हो जाएगी बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। फिलहाल जो योजना बनाई गई है, उनमें इतिहास, राजनीति विज्ञान और बायोलाजी जैसे विषयों के साथ स्नातक करने वाले छात्रों को इन कोसौँ के साथ एआइ, डिजिटल मैपिंग व डाटा एनालसिस जैसी रोजगारपरक शिक्षा भी दी जाएगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अलग-अलग बंटी शैक्षणिक और कौशल आधारित शिक्षा को एक साथ लाने की यह पहल शुरू की है। इसके लिए एक मसौदा भी जारी किया है। देशभर के विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोगों से इसे लेकर राय मांगी है। यूजीसी ने यह पहल नए क्रेडिट फ्रेमवर्क को अमल में लाने के बाद शुरू की है। यूजीसी ने कौशल शिक्षा आधारित इन कोसौँ को आफलाइन के साथ आनलाइन मोड में शुरू करने की अनुमति दी है। हालांकि पचास प्रतिशत कोर्स की पढ़ाई व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर ही करनी होगी, जिसमें प्रैक्टिकल और इंटर्नशिप भी शामिल होगा। यूजीसी ने कौशल आधारित नए कोर्स भी डिजाइन करने का सुझाव दिया है।
इनके लिए भी शुरू होंगे कोर्स
यूजीसी की इस पहल के तहत उद्योगों में पहले से काम कर रहे कर्मचारियों की अपस्किलिंग और री-स्किलिंग के लिए भी उद्योगों की मांग को देखते हुए कुछ शार्ट टर्म के कोर्स भी शुरू होंगे। यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों से स्थानीय स्तर पर उद्योगों की जरूरत को देखते हुए इन कोर्सों को तैयार करने को कहा है। माना जा रहा है कि इस पहल से उद्योगों के उत्पादन में और सुधार आएगा।
इन विषयों का अध्ययन करेंगे छात्र
बीए इतिहास : डिजिटल हिस्ट्री, एआइ इन हिस्टोरिकल रिसर्च, डिजिटल मैपिंग, डाटा एनालिसिस, कल्चरल रिसोर्स मैनेजमेंट
बीए पालिटिकल साइंसः डाटा एनालिसिस आफ पालिटिकल साइंस, डिजिटल एडवोकेसी एंड कैंपनिंग, एआइ एप्लीकेशन इन पालीटिकल एनालिसिस, पालिटिकल रिस्क एनालिसिस फार फोर कास्टिंग
बीएससी बायोलाजीः फार्मेसी एंड ड्रगडेवलपमेंट, बायोमेडिकल रिसर्च मेथड, क्लिनीकल ट्रायल मैनेजमेंट, वैक्सीन डेवलपमेंट आदि।
बीएससी फिजिक्सः एआइ इनफिजिक्स, डाटा साइंस, स्पेस साइंस एंड टेक्नालाजी, रोबोटिक्स. क्वाटम कंप्यूटरिंग फंडामेंटल आदि।