गोरखपुर: रेलवे की विभागीयपदोन्नति परीक्षाओं की शुचिता पर सवाल उठने के बाद रेलवे बोर्ड ने लिमिटेड डिपार्टमेंटल कंपेटेटिव एग्जामिनेशन (एलडीसीई) केंद्रीयकृत कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) की जगह टैबलेट बेस्ड टेस्ट (टीबीटी) कराने का निर्णय लिया है। इस नई व्यवस्था में विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं अब टैबलेट मोड में होंगी।
परीक्षाएं सेंट्रलाइज्ड (केंद्रीयकृत) की बजाए जोन (क्षेत्रीय) और डिविजन (मंडल) स्तर पर होंगी। कर्मचारी रेलवे परिसर में ही परीक्षा देंगे। पूर्वोत्तर रेलवे में एलडीसीई के लिए उप मुख्य कार्मिक अधिकारी (मुख्यालय) वीके द्विवेदी ने प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी (पीसीपीओ) की अनुमति के बाद बोर्ड के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) व संबंधित अधिकारियों को चिट्ठी लिखी है।उप मुख्य कार्मिक अधिकारी(मुख्यालय) ने दो जुलाई को लिखे पत्र के माध्यम से जूनियर इंजीनियर, सहायक स्टेशन मास्टर और तकनीशियन के पदों पर पदोन्नति के लिए रिक्तियों का मूल्यांकन और रोस्टर जांच के लिए तिथि निर्धारित कर दी है। जूनियर इंजीनियर के लिए चार अगस्त, तकनीशियन के लिए 20 अगस्त, सहायक स्टेशन मास्टर और गार्ड ट्रेन मैनेजर के लिए 30 अगस्त तथा अन्य प्रशासनिक पदों के लिए 15 सितंबर तक मुख्यालय स्तर पर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा है कि मुख्यालय, मंडल और कारखाना के संबंधित अधिकारी रिक्तियों का मूल्यांकन और रोस्टर जांच यथाशीघ्र करें। निर्धारित समयमें प्रमुख मुख्य कार्यालय गोरखपुर को रिपोर्ट सौंपें। ताकि, तय समय सीमा में अधिसूचना जारी की जा सके। टैबलेट मोड में परीक्षा कराने के लिए परीक्षा संचालन एजेंसी (ईसीए) नामित की जाएगी। मुख्य कार्मिक अधिकारी परीक्षा और रेलवे भर्ती सेल के अध्यक्ष परीक्षा संचालन समिति से समन्वय स्थापित करेंगे।
दरअसल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल में लोको पायलटों की विभागीय पदोन्नति परीक्षा में धांधली उजागर होने के बाद रेलवे बोर्ड ने चार मार्च 2025 तक भारतीय रेलवे स्तर पर सभी तरह की विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं पर रोक लगा दी थी।