Arun Kumar
Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.
ऐलिया मरही माता मंदिर का इतिहास..
यहाँ दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामना बस्ती। ऐलिया मरही माता मंदिर की ख्याति चारो तरफ फैली हुई है। श्रद्धलुओं का मानना ही ...
तिलकपुर जागेश्वरनाथ शिव मंदिर का इतिहास..
History of Jageshwarnath Shiv Temple of Tilakpur..This temple has been very popular since a long time. The proof of the popularity
प्रयागराज के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी..
शहीदों में अहियापुर के रहने वाले रमेश मालवीय सबसे कम उम्र के थे। सीएवी स्कूल के 9वीं के छात्र रमेश की उम्र महज 13 साल की थी जब वह शहीद हो गए। पिता भानु वैद्य ने बेटे के लिए तमाम सपने संजोए थे। बुढ़ापे का सहारा समझा था। लेकिन फिरंगियों से वतन को आजाद कराने की तमन्ना किशोर रमेश की आंखों में चमक रही थी। इस बीच 12 अगस्त, 1942 को चौक में क्रांतिकारियों ने जुलूस निकाला। उसमें बलूच रेजीमेंट के नायक को रमेश ने पत्थर मार दिया। नायक ने रमेश की आंख में गोली मार दी और वह शहीद हो गए। इसी तरह सीएवी के छात्र त्रिलोकीनाथ कपूर भी शहीद हो गए। 13 अप्रैल, 1932 को शहर में एक जुलूस निकला जो कमला नेहरू रोड और हीवेट रोड के चौराहे पर पहुंचा। वहां अंग्रेज सिपाहियों ने रास्ता रोक दिया। अंग्रेज मजिस्ट्रेट ने कहा कि जुलूस लेकर चले जाओ नहीं तो गोली चला देंगे। उस जुलूस में 17 साल के छात्र त्रिलोकीनाथ कपूर भी शामिल थे। जुलूस के दमन के लिए गोली चलाने का आदेश दे दिया। उस समय त्रिलोकीनाथ ने सीना तानकर कहा कि मुझे गोली मार दो। अंग्रेजों की गोली से वीर छात्र ने प्राणोत्सर्ग कर दिया।
झूंगीनाथ मंदिर का इतिहास..
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में स्थित बाबा झूंगीनाथ मंदिर का इतिहास बड़ा ही रोचक है। बस्ती जिला मुख्यालय से करीब 23 किमी दूर दुबौलिया पांडव मार्ग पर स्थित
स्वर्गाश्रम मंदिर का इतिहास
स्वर्गाश्रम मंदिर उत्तर प्रदेश की बस्ती जिले में सुप्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां पर पूजा पाठ के लिए क्षेत्र के अलावा लोग दूसरे जिले से भी आते हैं। इस मंदिर की कलाकृतियां