स्वामीनारायण छपिया मंदिर का इतिहास

स्वामीनारायण छपिया मंदिर

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के मनकापुर तहसील अंतर्गत स्थित स्वामीनारायण छपिया मंदिर अपने कलाकृतियों के लिए सुप्रसिद्ध है। मंदिर में भी कृष्णा और गोवर्धन पूजा के लिय जाना जाता है।

स्वामीनारायण छपिया मंदिर की मान्यता

लोगो का मानना है कि यहां पर द्वापर युग (Dwapara Yuga) में भगवान इन्द्र देव (Lord Indra Dev) के प्रकोप से बचने के लिए भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) ने उस दौरान गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठा कर सभी ब्रजवासियों एवं जानवरों (Braj people and animals) को घंगोर बारिश से बचाया था। जिससे बृजवासी (Brijvasi) अपने घर में उपलब्ध सब्जियां लेकर आए और सभी मिलकर अंकूट की सब्जी तैयार किया।

स्वामीनारायण छपिया मंदिर का इतिहास

स्वामीनारायण छपिया मंदिर की बात करे तो इतिहासकार का कहना है कि भगवान स्वामीनारायण (Lord Swaminarayan) का जन्म 1781 में गोंडा जिले के छपिया (Printed) में घनश्याम पांडे के रूप में हुआ। जोकि 1792 में उन्होंने नीलकंठ वर्णी (Neelkanth Varni) नाम से जाने जाने लगे।

इन्हों ने 11 वर्ष की आयु में पूरे भारत में 7 साल की तीर्थ यात्रा (Pilgrimage) शुरू किया था। यात्रा में उन्होंने कल्याणकारी गतिविधियां तरफ बढ़े। 9 वर्ष 11 महीने के बाद वे 1799 के आसपास गुजरात (Gujarat) राज्य में बस गए

स्वामीनारायण संप्रदाय

बता दें 1800 में अपने गुरु स्वामी रामानंद (Guru Swami Ramanand) द्वारा उद्धव संप्रदाय (Uddhav sect) में शामिल हुए। और साहजनंद स्वामी (Sahajanand Swami) का नाम दिया। 1802 में गुरु के मृत्यु से पहले उद्धव संप्रदाय (Uddhav sect) का नेतृत्व मिला। सहजनंद स्वामी (Sahajanand Swami) ने एक सभा आयोजित किया जिसमे स्वामीनारायण मंत्र (Swaminarayan Mantra) को पढ़ाया। इस वजह से भगवान स्वामीनारायण (Lord Swaminarayan) के रूप में जाने जाते हैं। उद्धव संप्रदाय को स्वामीनारायण संप्रदाय के रूप में माना जाता है।

जब नाम मिला नीलकंठवर्णी

जब 5 वर्षीय बालक ने पढ़ना-लिखना शुरू किया। और 8 वर्ष में जनेऊ संस्कार लिया. बालक ने शिक्षा में अपनी विलक्षण प्रतिभा दिखाई और अनेक शास्त्रों का ज्ञान लिया। कुछ समय उपरांत घर छोड़कर निकले और देश की परिक्रमा किया। जिससे बहुत ख्याति हो गय और लोग उन्हें नीलकंठवर्णी के रूप में जाना जाने लगा।

निष्कर्ष

भारतीय सरकार में आपका स्वागत है इस पोस्ट के माध्यम से स्वामीनारायण छपिया से संबंधित पूरी जानकारी इस पोस्ट में हमने दे दिए गए हैं। स्वामी नायक छपिया मंदिर एक अद्भुत मंदिरों के रूप में जाना जाता है यहां की कलाकृतियां लोगों का मन मोह लेती हैं।

FAQ

Q. स्वामी नारायण भगवान कौन है?

A. ट्रेन द्वारा अयोध्या से स्वामी नारायण छपिया तक की दूरी 56 कि. मी. है।

Q. स्वामीनारायण मंदिर के संस्थापक कौन है?

A. स्वामिनारायण या सहजानन्द स्वामी (२ अप्रैल १७८१ – १ जून १८३०), हिंदू धर्म के स्वामिनारायण संप्रदाय के संस्थापक थे।

Q.स्वामी नारायण भगवान कौन है?

A. भगवान श्री स्वामी नारायण को सर्व अवतारों का अवतारी माना जाता है.

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