लखनऊ : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों में अपात्रों की खोज का काम शुरू हो गया है। सरकार ने इसके लिए किसान रजिस्ट्री के माध्यम से आइडी बना रही है, परंतु इसके काम की गति धीमी है और अभी 50 प्रतिशत किसानों की भी आइडी नहीं बन सकी हैं। ऐसे में अब मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने अलग से सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं।
केंद्र सरकार द्वारा किसानों की सहायता के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना का संचालन किया जा रहा है। इसमें लघु और सीमांत किसानों के खाते में तीन किस्तों के माध्यम से प्रतिवर्ष छह हजार रुपये की राशि भेजी जाती है। प्रदेश में वर्तमान में दो करोड़ 88 लाख 70 हजार 495 किसानों को सम्मान निधि प्रदान की जा रही है। ई-केवाइसी की प्रक्रिया में पूर्व मेंयोजना से बड़ी संख्या में लाभार्थियों के नाम अलग किए जा चुके हैं। बीते साल कृषि विभाग ने पात्रों की पहचान के लिए 18 से 31 दिसंबर तक फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने को विशेष अभियान चलाया था। इसके बाद से यह काम अब तक चल रहा है, परंतु अब तक केवल एक करोड़ 41 लाख एक हजार 316 किसानों की ही फार्मर आइडी बनाने का काम पूरा हुआ है, जो कुल लाभार्थियों का 48.84 प्रतिशत ही है।
वहीं 15 लाख 84 हजार 136 किसानों की आइडी बनाने की प्रक्रिया चल रही है।सरकार को आशंका है कि अब भी लाभार्थी की सूची में बड़ी संख्या में अपात्रों के नाम शामिल हो सकते हैं। इसके लिए मुख्य सचिव ने कृषि विभाग को 25 जुलाई तक विशेष सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। अभियान की निगरानी का जिम्मा मंडल स्तर पर मंडलायुक्तों को दिया गया है।