वनखंडी महादेव मंदिर का इतिहास
आगरा। बाह से कचौराघाट मार्ग पर छह किमी चलने के बाद गांव नहटौली है। वहां से यमुना की ओर चलने पर करीब एक किमी दूर आगरा इटावा रेलवे ट्रैक के नजदीक स्थित है वनखंडी महादेव मंदिर। बीहड़ के किनारे होने के कारण इस मंदिर को वनखंडी का नाम दिया गया है।
इतिहास
मंदिर करीब 100 साल पुराना है। इसके अंदर शिवलिंग के साथ नदी महाराज विराजमान हैं। मंदिर में अन्य मूर्तियां भी है। इसकी स्थापना उस समय हुई जब गांव बीहड़ के किनारे बसाया गया था। जंगल में टीले पर बना वनखंडी मंदिर खुद में अद्भुत है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर मनौती मांगते हैं।
विशेषता
श्रद्धालु सच्चे मन से यहां पूजन करे तो वनखड़ी महादेव उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। सावन के सोमवार के अलावा प्रतिदिन गांव व आसपास के श्रद्धालु यहां पूजा करने आते हैं। गांव के लोग मंदिर पर सोरों से कांवड़ में गंगाजल लाकर अभिषेक करते हैं। मंदिर के पास छायादार वृक्ष भी हैं।
वनखंडी महादेव की महिमा अनंत है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। वनखंडी महादेव भक्त को निराश नहीं करते हैं। उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
ब्रह्मलाल, पुजारी
मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। वनखंडी की पूजा करने से परिवार में सुख, समृद्धि व शांति रहती है। यहां सच्चे मन से मांगी गई मनोकामनाअवश्य पूर्ण होती है।
राकेश शर्मा, श्रद्धालु
FAQ
Q. वनखंडी महादेव मंदिर कहा स्थित है?
A. वनखंडी महादेव मंदिर नहटौली स्थित है।
Q. वनखंडी महादेव मंदिर कितने वर्ष पुराना है?
A. वनखंडी महादेव मंदिर मंदिर करीब 100 साल पुराना है।
Q. मंदिर के महंत कोन है?
A. ब्रह्मलाल