प्रयागराज : फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज तैयार कर शादियों के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले जालसाजों की कहानी सामने आने लगी है। पुलिस की जांच में पता चला कि फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज राजस्थान के दौसा, अलवर व करौली में बनवाए जाते थे। जेल में बंद राजस्थान का श्रीराम गुर्जर अपने साथियों के साथ यह काम करता था।
गैंग के फरार चार अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस टीमें हर संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं।राजस्थान के अलवर जनपद के अकबरपुर थानांतर्गत डोबा निवासी गोपाल गुर्जर ने इसी माह के दूसरे सप्ताह में खुल्दाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस को बताया था कि उनके पुत्र की शादी तुलसीपुर करेली की रहने वाली प्रीति नामक युवती से की गई थी। आधार कार्ड दिखाया गया था। सिविल लाइंस क्षेत्र में ले आकर एक मंदिर के बाहर शादी करवाई गई थी।
इसके बदले युवती के घरवालों ने 1.75 लाख रुपये लिए थे। प्रीति को जब वह विदा कराकर ले जा रहे थे तो प्रयागराज जंक्शन के पास बाइक सवार कुछ लोगों ने रास्ता रोका और दुल्हन को जबरन साथ लेकर चले गए। जो आधार कार्ड दिया गया था, उस पते पर जब गए तो पता चला कि वहां इस नाम की कोई युवती नहीं है। इसके बाद खुल्दाबाद इंस्पेक्टर सुरेंद्र वर्मा ने चार महिलाओं समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें फर्जी दुल्हन भी थी।
शहाना ने ही अपना फर्जी आधार कार्ड प्रीति के नाम पर बनवाया था। उसी ने गोपाल गुर्जर के बेटे से विवाह किया था। शहाना के अलावा निशा कुमारी पत्नी रवि कुमार निवासी शहापुर पीपलगांव थाना एयरपोर्ट, ममता भारतीया निवासी त्रिवेणीपुरम, झुंसी, प्रीती पत्नी गोरे लाल निवासी शहापुर पीपलगांव थाना एयरपोर्ट, आसिफ खान निवासी गढ़ीकला थाना शाहगंज, मो. जैनुल निवासी दायराशाह अजमल थाना शाहगंज व श्रीराम गुर्जर निवासी रिंजवास बहतुकला (थालागढ़), जिला अलवर, राजस्थान को गिरफ्तार किया था।
एक तरफ फरार जालसाजों की गिरफ्तारी की कोशिश हो रही है तो दूसरी तरफ मामले की जांच भी चल रही है। पुलिस को पता चला है कि फर्जी आधारकार्ड समेत अन्य दस्तावेज श्रीराम गुर्जर अपने साथियों की मदद से दौसा, अलवर व करौली में बनवाता था। यही आधारकार्ड रिश्ता तय करने वालों को दिया जाता था।