आगराः स्वच्छ मोहल्लों में घरों से निकलने वाले जैविक कचरे को खाद में बदलने के लिए आगरा नगर निगम ने शहर के बड़े अपार्टमेंट और कालोनियों में कम्युनिटी कंपोस्टर रखवाए हैं। कम्युनिटी कंपोस्टर के द्वारा स्थानीय स्तर पर ही कचरे का प्रबंध किया जा रहा है। कचरे से बनने वाली खाद को फ्लैट्स और अपार्टमेंट के लोग अपने यहां की बागवानी और गमले आदि में ही प्रयोग कर रहे हैं।शहर के घरों, बाजारों में 12 से 14 मैट्रिक टन कचरा निकलता है।
नगर निगम उसके प्रबंधन का प्रयास
नगर निगम उसके प्रबंधन का प्रयास कर रहा है, जिसके लिए जनसहयोग लिया जा रहा है। अपार्टमेंट के अतिरिक्त 10 कालोनियों में कम्युनिटी कंपोस्टर रखवाये भी जा चुके हैं। इससे खाद का निर्माण हो रहा है। जैविक कचरे फल, सब्जी के अवशेष व अन्य गीले कचरे से बनने वाली खाद का उपयोग कालोनी वासी घरों के आसपास की जाने वाली बागवानी, हरियाली और गमले के लिए कर रहे हैं।
ऐसे काम करता है कंपोस्टर
कम्युनिटी कंपोस्टर में गीले कचरे को 4 से 6 हफ्ते तक रखना होता है। सूक्ष्म जीव जैविक कचरे को तोड़ते हैं जिससे पोषक तत्वों से भरपूर खाद बनती है। कचरे में नमी का स्तर बनाए रखा जाता है, जिससे सूक्ष्म जीव माइक्रोआर्गेनिज्म सही तरीके से काम कर सके। इससे पहले गीले कचरे को छोटे छोटे टुकड़ों में काटा जाता है।
इन क्षेत्र में रखें हैं कम्युनिटी कंपोस्टर
मारुति सिटी कालोनी, महर्षिपुरम, सिकंदरा बोदला रोड, सेंट जॉस कालेज, कमला नगर, डिफेंस एस्टेट सम्मिलित है।