साक्षात्कार (Interview) का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, महत्व एवं प्रकार..

By Arun Kumar

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साक्षात्कार का सामाजिक अनुसन्धान की पद्धतियों में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान है। समाजशास्त्रियों के अध्ययन का विषय मनुष्य है, इसलिए समाजशास्त्रियों को यह सुविधा प्राप्त है कि उसका अध्ययन विषय अपने बारे में या अपने समाज के बारे में उसे बोलकर सूचित कर सकता है। साक्षात्कार का मूल आधार यही तथ्य है।

आलपोर्ट ने इस सम्बन्ध में कहा है कि “यदि आप जानना चाहते हैं कि लोग क्या महसूस करते हैं, क्या अनुभव करते हैं और क्या स्मरण रखते हैं, उनकी भावनाएँ एवं प्रेरणाएँ क्या है तथा कोई व्यवहार करने का क्या कारण है, तो आप उन्हीं से क्यों नहीं पूछते? वास्तविकता तो यह है कि साक्षात्कार उत्तरदाता के शाब्दिक प्रत्युत्तर पर निर्भर करता है। यह तथ्य संकलन की मौलिक विधि है।

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साक्षात्कार विधि मौखिक रूप से प्रश्न के माध्यम से तथ्य संकलन की विधि है, सामान्य अर्थों में साक्षात्कार उपचार के लिए, कार्यकर्ताओं के चुनाव के लिए या फिर किसी चीज की खोज-खबर के लिए प्रयुक्त होता है। दूसरे शब्दों में, यह कहा जा सकता है कि साक्षात्कार सोद्देश्य वार्तालाप है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे से सूचना संकलित करता है।

Interview की परिभाषाएँ

साक्षात्कार (Interview) की प्रमुख परिभाषाएँ निम्न प्रकार है।

  • डेंजिन के अनुसार, “साक्षात्कार सम्मुख कर्तालाप विनिमय है,जिसमें एक व्यक्ति दूसरे से सूचना प्राप्त करता है।”
  • मानेन्द्र नाथ बसु के अनुसार, “एक साक्षात्कार को कुछ बिन्दुओं पर व्यक्तियों के आमने-सामने के मिलन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।”
  • गुडे एवं हाट के अनुसार, “साक्षात्कार मूल रूप से सामाजिक अन्तःक्रिया की एक प्रक्रिया है।”
  • जॉन जी डार्ले के अनुसार, “साक्षात्कार एक उद्देश्यपूर्ण वार्तालाप है।”
  • हेडर एवं लिण्डमैन के अनुसार, “साक्षात्कार के सम्बन्ध में दो या अनेक व्यक्तियों के बीच वार्तालाप अथवा मौखिक उत्तर सम्मिलित होते हैं।”
  • पी.वी. यंग के अनुसार, “साक्षात्कार मुख्य रूप से एक कला है नकि विज्ञान।”

उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि साक्षात्कार वह व्यवस्थित प्रविधि है जिसमें अनुसन्धानकर्ता सम्बन्धित व्यक्ति या व्यक्तियों से स्वयं मिलकर बातचीत करके एवं उत्तर- प्रत्युत्तर द्वारा किसी विषय के बारे में वास्तविक ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करता है।

साक्षात्कार (Interview) की विशेषताएँ

साक्षात्कार पद्धति की निम्नलिखित विशेषताएं है

  • साक्षात्कार में दो पक्ष होते हैं।
  • दोनों पक्षों के बीच उद्देश्यपूर्ण वार्तालाप होता है।
  • यह वार्तालाप मुख्यतः आमने-सामने की स्थिति में किया जाता है।
  • साक्षात्कार का निश्चित उद्देश्य होता है, जो मुख्य रूप से तथ्य संकलन है।
  • साक्षात्कार एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया भी है।

साक्षात्कार (Interview) के उद्देश्य

इसका प्रयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है; जैसे—संस्था में प्रवेश के लिए, नौकरी में चुनाव के लिए, किसी अधिकारी अथवा नेता से मिलने के लिए आदि।

  • लुण्डबर्ग के अनुसार, साक्षात्कार के दो प्रमुख उद्देश्य-तथ्य संकलन एवं उत्तरदाता के जीवन के भावात्मक पक्षों का अध्ययन करना है।
  • मैकोबी एवं मैकोबी के अनुसार, साक्षात्कार के उद्देश्य उपकल्पना की खोज, तथ्य संकलन तथा अन्य स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं का सत्यापन करना है।
  • यंग के अनुसार, साक्षात्कार के चार उद्देश्य हैं- उत्तरदाता के व्यक्तित्व सम्बन्धी सूचना प्राप्त करना, उपकल्पना का निर्माण, वैयक्तिक सूचना प्राप्त करना तथा द्वितीयक तथ्यों का संकलन।
  • ब्लैक एवं चैंपियन के अनुसार, साक्षात्कार के उद्देश्य विषय का विवरण देना एवं अन्वेषण करना है।

इन सब विद्वानों की राय के आधार पर साक्षात्कार के प्रमुख उद्देश्य हैं-पहला उपकल्पना का निर्माण एवं समस्या का प्रारम्भिक अन्वेषण, दूसरा प्राथमिक तथ्यों का संकलन तथा तीसरा उद्देश्य पुनरीक्षण है। अतः साक्षात्कार एकपूरक विधि भी है।

Interview के प्रकार

विभिन्न आधारों पर साक्षात्कार के प्रमुख प्रकार निम्न हैं

  • कार्यों के आधार पर साक्षात्कार तीन प्रकार का निदानात्मक साक्षात्कारउपचारात्मक साक्षात्कार तथा अनुसन्धान साक्षात्कार होता है।
  • उत्तरदाताओं की संख्या के आधार पर भी साक्षात्कार दो प्रकार का व्यक्तिगत साक्षात्कार एवं सामूहिक साक्षात्कार हो सकता है।
  • औपचारिकता के आधार पर (मोजर के अनुसार) साक्षात्कार दो प्रकारका औपचारिक साक्षात्कार एवं अनौपचारिक साक्षात्कार होता है।
  • अध्ययन पद्धति के आधार पर तीन प्रकार का अनिर्देशित साक्षात्कार,निर्देशित साक्षात्कार तथा पुनरावृत्ति साक्षात्कार होता है।

इसी प्रकार मैकोबी एवं मैकोबी, सैल्टिज, जहोदा ने संरचना एवं प्रामाणिकता के आधार पर सभी प्रकार के साक्षात्कारों को मानकीकृत या संरचित तथा अमानकीकृत या असंरचित इन दो प्रमुख वर्गों में रखा है।

Interview प्रक्रिया के प्रमुख चरण

साक्षात्कार प्रक्रिया के प्रमुख चरण निम्नलिखित हैं

  • साक्षात्कार का प्रारम्भ एवं औपचारिकताएँ
  • साक्षात्कार की प्रारम्भिक तैयारी
  • उत्तरदाता से सम्पर्क एवं पूर्व नियुक्ति
  • प्रश्न पूछना
  • उपयुक्त एवं अर्थपूर्ण उत्तरों की प्राप्ति
  • आलेखन
  • समापन

साक्षात्कार (Interview) पद्धति का महत्त्व, गुण या लाभ

साक्षात्कार पद्धति का महत्त्व, गुण या लाभ निम्नलिखित हैं

  • अधिक विस्तृत एवं गहन सूचनाओं का संकलन
  • लचीलापन
  • अधिक अर्थपूर्ण सूचनाएँ
  • अधिक प्रत्युत्तर दर एवं सहयोग
  • स्मरण दिलाने एवं प्रेरित करने की सुविधा
  • तुरन्त एवं स्वाभाविक स्तर
  • संवेदनात्मक एवं कमजोर विषयों के बारे में जानकारी
  • अन्य विषयों के लिए एक पूरक विधि

Interview के दोष एवं सीमाएँ

साक्षात्कार के दोष एवं सीमाएँ निम्नलिखित हैं

  • खर्चीली विधि
  • अधिक विस्तृत क्षेत्र में प्रयोग कठिन
  • विशेष कुशलता एवं प्रशिक्षण की आवश्यकता
  • मौखिक उत्तर पर अधिक विश्वास
  • एकरूपता की कमी
  • प्रशिक्षित साक्षात्कारकर्ता का अभाव
  • इस प्रकार साक्षात्कार में लाभ भी हैं, तो दोष भी। इन दोषों को ध्यान में रखते हुए सुधार किए जा सकते हैं, जिससे साक्षात्कार ठीक प्रकार से हो सके।

Q. साक्षात्कार इंटरव्यू से आप क्या समझते हैं?

A. ‘Interview’ शब्द फ्रैंच भाषा के शब्द ‘Entrevoir’ से लिया गया है। इसका अभिप्राय एक-दूसरे से है। जब आवेदकों के आवेदन-पत्रों की जाँच हो जाती है तो उसके पश्चात् आवेदकों को प्रारम्भिक साक्षात्कार के लिये जाता है

Q.इंटरव्यू में कौन कौन से प्रश्न पूछे जाते हैं?

A. फ्रेशर के लिए इंटरव्यू प्रश्नअपने बारे में कुछ बताइए?
1. आप यहां काम करना क्यों चाहते हैं
2. आप अपनी वर्तमान नौकरी को क्यों छोडना चाहती हैं
3. आपकी विशेष योग्यता किस क्षेत्र में है?
4. आपकी सबसे बडी कमजोरी क्या है?
5. आप स्वयं काम करना चाहेंगे या दूसरों की मदद लेंगे?
6. करियर से क्या उम्मीदें हैं?
7. आपकी हॉबी क्या हैं?

Arun Kumar

Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.

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