नाग पंचमी का त्यौहार, जन-जन में है खुशी अपार – Special Poem

नाग पंचमी का त्यौहार,

जन-जन में है खुशी अपार ।

सावन का यह मास सुहाना,

खुशियों का मिल गया खजाना ।

चहुँदेिश छायी है हरियाली,

कैसी सुन्दर समां निराली।

वर्षा ऋतु सबके मन भाये,

आसमान पर बादल छाये,

हर कोई अपना गम भूला,

पड़ा बाग में अनुपम झूला।

जिसे देखिए वही विभोर,

नाच रहा है मन का मोर

पापा का पाकर उपहार,

बच्चों में है खुशी अपार।

गोरी करती है श्रृंगार

प्रियतम का पाकर दीदार

सावन मास परम सुखदाई,

घर-घर बरखा रानी आयी।

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