प्रतापगढ़। महाकुंभ के दौरान प्रतागपढ़ शहर से होकर गुजरने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना न करने पड़े, इसके लिए तीन जनवरी यानी शुक्रवार से गोंडे सुखपाल नगर बाईपास शुरू हो जाएगा। एनएच ने वाईपास की एक लेन गाड़ियों के आवागमन के लिए तैयार कर दी है। महाकुंभ के दौरान वाहन गोंड से सुखपाल नगर होते हुए भुपियामऊ से गुजर जाएंगे। इसके अलावा भारी वाहनों के संचालन पर भी विशेष नजर रखी जाएगी।
शहर में अक्सर लगने वाले जाम की समस्या के स्थायी समाधान के लिए आठ साल पहले गोंडे से लेकर सुखपाल नगर तक बाईपास बनाने का काम शुरू हुआ था। बीच में कार्यदायी संस्था ने काम छोड़ दिया था। इसके कारण इसका काम समय पर खत्म नहीं हो पाया। फिर दूसरी कार्यदायी संस्था ने काम किया। काम पिछड़ने के कारण महाकुंभ से पहले एक लेन को चालू करने का निर्देश दिया गया। इसका काम लगभग समाप्त हो गया है। तीन जनवरी से अधिकारिक रूप से बाईपास पर वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा। जहां-जहां पर कोई कमी रह गई है। इसको महाकुंभ शुरू होने से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
भूषियामऊ आरओबी के पास चुनौतीः गोंडे बाईपास से होकर वाहन सुखपाल नगर पहुंचेंगे। यहां से वहां रायबरेली जौनपुर हाईवे पर मुड़ जाएंगे, जो भुपिया मऊ रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे से होकर अयोध्या प्रयागराज हाईवे पर आएंगे। आरओबी के नीचे अभी सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। यहां पर रास्ता भी थोडा सकरा है। ऐसे में यहां पर जाम लगने की संभावना है। इसलिए यह प्वाइंट जिला प्रशासन के लिए हमेशा कड़ी चुनौती रहेगा। यहां पर जाम न लगे, इसके लिए जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर सभी प्रयास किए हैं।
एनएच के अधिशासी अभियंता
एनएच के अधिशासी अभियंता विकास सिंह का कहना है कि तीन जनवरी से गोंडे वाईपास पर वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा, जो छोटे-मोटे काम बाकी हैं। वह महाकुंभ शुरू होने से पहले पूरे हो जाएंगे। श्रद्धालुओं को आवागमन में कोई दिक्कत नहीं होगी।
महाकुंभ के वाद रफ्तार पकड़ेगा दूसरी लेन का काम
एनएच ने अभी 11 किलोमीटर सड़क बनाकर बाईपास की एक लेन का काम पूरा किया है। अभी दूसरी लेन का काम चल रहा है। जो महाकुंभ के बाद रफ्तार पकड़ेगा। इस काम को भी छह महीने के भीतर खत्म करने की कोशिश की जाएगी। 14 किलोमीटर लंबे गोंडे-सुखपालगर बाईपास का काम पूरा होने के साथ ही सुखपाल नगर से लेकर राजगढ़ का छह किलोमीटर विस्तारित बाईपास के काम पर भी फोकस किया जाएगा। इसको लेकर पिछले दिनों उच्च अधिकारियों ने मौका का निरीक्षण भी किया था।