आत्महत्या आखिरी विकल्प नहीं, कोशिश जारी रहनी चाहिये- अशोक श्रीवास्तव

By Arun Kumar

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बस्ती। आत्महत्या देश के विकास में बंधक। यह केवल और केवल भारत के लिए नहीं ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए आत्महत्या चिंता का विषय है।

समाज में तेजी से बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिये सामाजिक संस्था ह्यूमन सेफ लाइफ फाउण्डेशन की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में बनकटी ब्लाक मुख्यालय पर स्थित सम्राट अशोक प्रभावंश गर्ल्स इण्टर कालेज में सेमिनार का आयोजन किया गया।

इसमे इण्टर कालेज के अलावा बीएड की छात्राओं ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।मुख्य अतिथि पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता अशोक श्रीवास्तव, प्रधानाचार्या श्रीमती नीलम मौर्य, प्रबंधक डा. अनिल कुमार मौर्य, फाउण्डेशन के संस्थापक रंजीत श्रीवास्तव एवं कवि डा. अजीत श्रीवास्तव ‘राज’ ने दी प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। फाउण्डेशन के जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने अति महत्वांकाक्षा, मोबाइल का गलत इस्तेमाल, डर, सामाजिक व पारिवारिक दबाव, आर्थिक क्षति, आधुनिक परिवेश में बिगड़ते पारिवारिक रिश्ते, लव अफेयर, न्याय की उपेक्षा, लिव इन को आत्महत्या के लिये जिम्मेदार माना।

उन्होने कहा हमे इस चक्रव्यूह से बाहर आना होगा। माता पिता को अपने पाल्यों का इस बात की स्वतंत्रता देनी चाहिये कि वे अपनी पसंद के अनुसार करियर चुन सकें। बेटा सिंगर बनना चाहता है और अभिभावक उसे जबरिया इंजीनियर बनाना चाहेंगे तो ज्यादा संभावना है कि स्थितियां असहज होंगी। उन्होने कहा जागरूकता से आत्महत्या की घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

फाउण्डेशन कहा

फाउण्डेशन के संस्थापक रंजीत श्रीवास्तव ने कहा आत्महत्या सबसे बड़ी कायरता है। कोई ऐसी समस्या नही है जिसका समाधान नही है। लेकिन समस्याग्रस्त होने पर लोग दूसरों को साझा करने की बजाय अंदर ही अंदर टूटने लगते हैं और एक दिन आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। जबकि समस्याओं से घिरने पर पूरा दिमाग काम नही करता ऐसे में समस्यायें दूसरों की साझा की जानी चाहिये।

कालेज के प्रबंधक ने कहा

कालेज के प्रबंधक डा. अनिल कुमार मौर्य ने कहा परिस्थितियां चाहे जितनी विषम हों, हिम्मत नही हारना चाहिये। किसी खास क्षेत्र में बार बार नाकाम होने पर दूसरे क्षेत्र में कोशिश करनी चाहिये। उन्होने कहा आज की युवा पीढ़ी के कंधों पर कल पिता, पति की जिम्मेदार होगी। उन्हे भी उन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जिनका आज उनके पिता और पति कर रहे हैं। ऐसे में अधिकारपूर्वक अभिभावक डांट दें तो बुरा नही मानना चाहिये।

ज्यादातर मामले लव अफेयर

प्रधानाचार्या श्रीमती नीलम मौर्य ने कहा आत्महत्या के ज्यादातर मामले लव अफेयर से जुड़े होते हैं। गलत रास्तों पर चलने का पता तब चलता है जब माता पिता भाई और समाज ऐसे लोगों का बहिष्कार कर देता है। डा. अजीत श्रीवासतव ने अपनी रचनाओं से लोगों को प्रेरित किया। बीएड की छात्राओं ने तमाम प्रश्न पूछे जिसका अशोक श्रीवास्तव ने संतोषजनक जवाब देकर सभी को प्रेरित किया।

प्रवक्ता विजय कुमार ने कहा

प्रवक्ता विजय कुमार ने भी उन परिस्थितियों को बताया जब लोग शार्टकट अपनाकर अपना जीवन खत्म कर लेते हैं। इस अवसर पर कालेज स्टाफ में निशा मौर्या, प्रीती यादव, नगमा, आराधना, अमृता गौतम, काशी प्रसाद पाण्डेय, सुनील कुमार कुशवाहा आदि ने सहयोग दिया। अंत में प्रधानाचार्य ने सभी के प्रति आभार जताया और छात्राओं को दूसरों को भी प्रेरित करने का संकल्प दिलाया।

नोट – यदि आपको या आपके बच्चे को आत्महत्या के विचार आने के कारण तत्काल सहायता की आवश्यकता हो, निकटतम आपातकालीन कक्ष में जाएं।

Arun Kumar

Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.

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