अल्फ्रेड शुट्ज जीवन परिचय, सिद्धांत एवं प्रमुख कृतियां..

By Arun Kumar

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अल्फ्रेड शुट्ज (Alfred Schutz) जीवन परिचय

ऑस्ट्रेलिया में जन्में अल्फ्रेड शुट्ज (1899-1956) एक जर्मन दार्शनिक, विचारक और विद्वान् थे। उन्होंने समाजशास्त्रीय प्रघटनाशास्त्र की नींव रखी। उन पर हर्सेल, वेबर, रिकर्ट, जेम्स, मीड एवं थॉमस का बौद्धिक प्रभाव देखा जा सकता है।

घटना क्रिया विज्ञान को समाजशास्त्र में लाने का श्रेय अल्फ्रेड शुज को ही जाता है। शुट्ज का कहना है कि घटना-क्रिया विज्ञान वस्तुओं में रुचि नहीं रखता, अपितु उनके अर्थों में रखता है अर्थात् अंशों का निर्माण मस्तिष्क करता है। शुट्ज फेनोमिनोलॉजी उपागम के यूरोपियन सम्प्रदाय के हर्सेल के साथी प्रवर्तक माने जाते हैं।

शुट्ज के जीवन से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं –

  • शुद्ध जीवन विश्व की अवधारणा को संरक्षित करने में विशेष रुचि लेते हैं।
  • शुज ने वह तरीका खोजने की कोशिश की है, जिसमें समाजशास्त्र के अन्तर्गत मानवीय क्रिया को वैज्ञानिक माना जाए। इस प्रकार शुट्ज मानवीय क्रियाओं के वैज्ञानिक अध्ययन को महत्त्व प्रदान करते हैं।
  • शुट्ज ने अपने प्रघटनाशास्त्र में चेतना के स्थान पर अन्तर्वैयक्तिकता (Inter- Subjectivity), जीवन विश्व (Life World) एवं हम-वे सम्बन्ध (We-They Relations) इत्यादि को अपने अध्ययन में केन्द्रीय महत्त्व प्रदान किया है।
  • शुट्ज का विश्लेषण का केन्द्र दैनिक जीवन विश्व (Life World) रहा है।
  • शुट्ज के अनुसार, यह जीवन विश्व ऐसा अन्तर्वैयक्तिक द्विविधा युक्त जगत है, जिसमें सामाजिक यथार्थ तथा पूर्वजों द्वारा निर्मित सामाजिक- सांस्कृतिक संरचनाएं एक साथ विद्यमान होती है।

अल्फ्रेड शुट्ज का सिद्धान्त (Theory of Alfred Schutz’s)

शुट्ज के प्रघटनाशास्त्र के अन्तर्गत लोगों के दैनिक जीवन कीपरिस्थितियों को अधिक महत्त्व दिया गया। उन्होंने वेबर कीवर्स्टहेन की अवधारणा की भी विस्तृत व्याख्या की। वर्स्टहेन से वेबर का तात्पर्य व्यक्तिनिष्ठ ज्ञान से है जैसा शुद्ध ने अपनी पुस्तक ‘स्टडीज़ इन फिनॉमिनॉलॉजिकल फिलॉसफी’ तथा ‘फिनॉमोलॉजी ऑफ द सोशल वर्ल्ड’ में प्रघटनाशास्त्र सम्बन्धी अपने विचार व्यक्त किए हैं। अमेरिकन समाजशास्त्र में प्रघटनाशास्त्र के प्रवेश कराने का श्रेय शुट्ज को ही है। शुज का प्रघटनाशास्त्र अमेरिका के अन्तःक्रियावाद का सम्मिश्रण है।

शुज ने सामाजिक सम्बन्धों को महत्त्व तो दिया, किन्तु सामाजिक सम्बन्धों की व्याख्या उन्होंने परम्परागत समाजशास्त्रीय आधार के स्थान पर प्रघटनात्मक आधार पर की। सामाजिक सम्बन्धों के बारे में उन्होंने दो अवधारणाओं को जन्म दिया। वे हैं, विचित्रता एवं विशिष्टीकरण (Uniqueness and Typification) |

समाज में अनेक परिस्थितियाँ जन्म लेती रहती है और कभी-कभी एक ही प्रकार की परिस्थितियाँ जन्म लेती हैं। इन्हीं के आधार पर वह वर्गीकरण तथा विशिष्टीकरण का वर्गीकरण करते हैं। शुद्ध के सामाजिक सम्बन्धों के वर्गीकरण नियम के अनुसार सम्बन्ध जितने वैयक्तिक होंगे, उतनी ही विचित्र इसकी विशेषताएं होगी, सम्बन्ध जितने अवैयक्तिक होंगे, उतने ही वर्गीकृत होंगे। इस प्रकार सम्बन्ध दो प्रकार, वैयक्तिक व अवैयक्तिक होते हैं।

हमारे पारस्परिक सम्बन्ध जितने अधिक वैयक्तिक होंगे, वे उतने ही विचित्र भी होंगे और सम्बन्ध जितने अवैयक्तिक होंगे, उतने ही वे विशिष्ट होंगे।

शुद्ध का मत है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी प्रत्येक सामाजिकपरिस्थिति को अपने दृष्टिकोण से देखता है और उसे समझने का प्रयत्न करता है परिस्थितियों के अनुकूल और प्रतिकूल होने के अनुसार ही वह अपने सम्बन्धों का निर्माण करता है और व्यक्ति उसी आधार पर परिस्थितियों को अर्थ प्रदान करता है। इस प्रकार शुट्ज के प्रघटनाशास्त्र के प्रमुख तीन तत्त्व हैं-जीव जगत (Life World), स्वाभाविक अभिवृत्ति (Natural Attitude) तथा अन्तर्वैयक्तिकता (Inter-Subjectivity)। ये तीनों तत्त्व प्रघटनाशास्त्र के आधार की तरह माने गए हैं।

अल्फ्रेड शुट्ज की प्रमुख कृतियाँ

  • द फिनॉमिनॉलॉजी ऑफ द सोशल वर्ल्ड-1932, 1967
  • रिफ्लेक्शंस ऑन द प्रोबलम्स ऑफ रिलेवेन्स, 1960
  • कलेक्टेड पेपर्स, 3 वॉल्यूम्स, 1973-76
  • द स्ट्रक्चर ऑफ द लाईफ वर्ल्ड (विद लकमैन), 1974

निष्कर्ष

नमस्कार दोस्तों जैसा कि आप लोग जानते हैं भारतीय सरोकार की लेख के माध्यम से आप को अल्फ्रेड शुट्ज से संबंधित अल्फ्रेड शुट्ज का सिद्धान्त, लेख विचार सहित पूरी जानकारी मिल चुके होगी।

FAQ

Q. अल्फ्रेड शुट्ज़ किस लिए जाना जाता है?

A. अल्फ्रेड शुट्ज़, (जन्म 13 अप्रैल, 1899, विएना, ऑस्ट्रिया-मृत्यु 20 मई, 1959, न्यूयॉर्क, एनवाई, यूएस), ऑस्ट्रिया में जन्मे अमेरिकी समाजशास्त्री और दार्शनिक जिन्होंने घटना विज्ञान पर आधारित एक सामाजिक विज्ञान विकसित किया ।

Q. शुट्ज़ नाम कहां से आया है?

A. जर्मन: त्रिएर के निकट एक स्थान, शूत्ज़ का आवासीय नाम ।

Q. शुट्ज़ की स्थापना कब हुई थी?

A. शुट्ज़ की स्थापना अलेक्जेंड्रे बिरमन ने की थी और 1995 में इसका संचालन शुरू हुआ था।

Arun Kumar

Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.

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