अब आस्ट्रेलिया में भी खुशबू बिखेरेगा कालानमक

जितेंद्र पाण्डेय

यूपी, सिद्धार्थनगर। अब कालानमक चावल को आस्ट्रेलिया (Australia) भेजा जाएगा। वहां के चिकित्सक इसका रोगियों पर परीक्षण करेंगे। लाभ होने पर चावल को हेल्थ फूड के रूप में प्रस्तावित किया जाएगा।सिद्धार्थनगर स्थित शोहरतगढ़ तहसील के डौहरिया बुजुर्ग गांव के दिलीप चौहान अपनी कंपनी दिव्या महा प्राइवेट लिमिटेड के जरिये कालानमक को बड़ा बाजार उपलब्ध कराने में जुटे हैं। आस्ट्रेलिया के शहर सिडनी में काम कर रहे भारत के कुछ आयुर्वेद चिकित्सकों ने उनकी वेबसाइट पर संपर्क कर 200 क्विंटल कालानमक चावल की मांग की है।

चिकित्सकों की टीम वहां आयुर्वेदिक (Ayurvedic) दवाओं से रोगियों का उपचार करती है। चावल में मौजूद जिंक, आयरन व अन्य पोषक तत्वों के आधार पर टीम रोगियों पर इसका परीक्षण करना चाहती है। उनका कहना है कि यदि परिणाम बेहतर आएगा तो हेल्थ फूड के रूप से इसे प्रस्तावित करेंगे। पेशे से सीए दिलीप का कहना है कि वह चावल का टेस्ट भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, वाराणसी से करा चुके हैं।

आस्ट्रेलिया से कंटेनर शिप भारत आते-जाते रहते हैं। माह भीतर यह चावल आस्ट्रेलिया भेजा जाएगा। चावल 300 रुपये प्रति किलो की दर से दिया जाएगा। सिद्धार्थनगर में उन्हें कालानमक 100-120 रुपये प्रति किलो में मिलता है।

ट्रांसपोटेशन, शिपिंग, चावल के परीक्षण को मिलाकर कीमत 270-280 रुपये प्रति किलो पहुंच जाती है। ऐसे में एक किलो पर सिर्फ 20-30 रुपये ही आग हो पाती है। बाजार तैयार होने पर मांग बढ़ने से अच्छा लाभ हो सकता है।

दिलोप का कहना है कि आस्ट्रेलिया, अमेरिका, सउदी अरव, जर्मनी में उनके कई सीए मित्र हैं। उन्हीं के माध्यम से अपना चावल विदेश भेजते हैं। अब तक जर्मनी में पांच क्विंटल, सउदी अरव में तीन क्विंटल चावल भेजा है। अमेरिका में 10 दिन पहले उन्होंने सैंपल के रूप में पांच किलो कालानमक भेजा था। जिले के अनेक प्रगतिशील किसान व निर्यातक कालानमक को दुनिया के बड़े बाजारों में भेजने में लगे हुए हैं।

कालानमक के बड़े निर्यातक जिले में अभिषेक सिंह हैं। अभिषेक पिछले पांच वर्षों में 20 टन कालानमक सिंगापुर, दो टन जर्मनी व 15 टन नेपाल भेज चुके हैं।

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