कृषि रक्षा रसायनों के प्रयोग में कैसे रखे सावधानियाँ

By Arun Kumar

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कृषि रक्षा रसायनों के प्रयोग में सावधानियाँ

फसलों को कीटों, रोगों एवं खरपतवारों से सुरक्षा हेतु जहरीले कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग किया जाता है जो नाशीजीवों के साथ-साथ मनुष्यों के लिए भी हानिकारक होते हैं। इसलिए इनका प्रयोग सावधानीपूर्वक किया जाना आवश्यक है। कृषि रक्षा रसायनों का छिड़काव करते समय जाने-अनजाने इनका शरीर के अन्दर पहुँचना या शरीर के सम्पर्क में आना हानिकारक हो सकता है। इसके साथ ही कीटनाशकों के सम्पर्क में आने से भोज्य पदार्थ भी जहरीला हो जाता है। कृषि रक्षा रसायनों के क्रय, लाने व ले जाने, भण्डारण तथा रख-रखाव में भी सावधानी आवश्यक है।

अंधाधुन्ध कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग बायु, जल व मृदा को प्रदूषित कर पारिस्थितिकीय तंत्र को भी कुप्रभावित करता है।

अतः कृषि रक्षा रसायनों का सुरक्षित व न्यायोचित प्रयोग नितान्त आवश्यक है।

कृषि रक्षा रसायनों के प्रयोग के समय वस्ती जाने वाली प्रमुख सावधानियाँ:

स्सायनों को खरीदते समय ः

1. कीट/रोग की अच्छी तरह पहचान कर लेना बाहिए। यदि पहचान सम्भव नहीं हो पाती है तो स्थानीयस्तर पर कीट / रोग विशेषज्ञ से पहचान कराकर ही सस्तुत रसायन खरीदना चाहिए।

2. कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग तभी करना चाहिए जब कीट / रोग की सघनता आर्थिक स्तर के ऊपर हो।

3. विषाक्तता के आधार पर वर्गीकृत श्रेणी में से सबसे कम विषाक्त रसायन को खरीदने में प्राथमिकता देनी चाहिए।

4. रसायनों को सरकारी गोदाम अथवा पंजीकृत कीटनाशक विक्रेताओं, जिनके पास वैध लाइसेंस हो से ही क्रय करना चाहिए।

5.एक निर्दिष्ट क्षेत्र में प्रयोग हेतु रसायन की आवश्यक मात्रा को ही खरीदना चाहिए तथा सील बन्द एवं साबुत पैकिंग ही क्रय करें।

6. कन्टेनर/पैकेट पर अंकित बैच नम्बर, उत्पादन तिथि तथा अवसान तिथि देखकर ही रसायन खरीदें तथा कालातीत, प्रतिबन्धित एवं निषिद्ध रसायनों का क्रय कदापि न करें।

छिड़काव करते समय :

1. छिड़काव करने से पूर्व उपकरणों को भलीभांति जाँच लेना चाहिए। दोषपूर्ण उपकरणों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

2. कीटनाशी एवं खरपतवारनाशी रसायनों के लिए अलग-अलग अथवा उपकरणों को साफ पानी से धोकर प्रयोग में लाना चाहिए।

3. छिड़काव के लिए उपयुक्त नोजल का ही प्रयोग करना चाहिए।

  1. रसायनों के घोल को सावधानीपूर्वक मशीन में डालना चाहिए और यह ध्यान देना चाहिए कि मुँह, कान, नाक आदि में न जाने पाये। स्प्रे पम्प की बन्द पाइप या नोजल को मुंह से नहीं फूकना चाहिए।
  2. हवा के विपरीत दिशा में खड़े होकर छिड़काव या बुरकाव नहीं करना चाहिए।
  3. छिड़काव यथा-सम्भव सायंकाल करना चाहिए।
  4. छिड़काव करते समय खान-पान एवं बीड़ी, सिगरेट तथा तम्बाकू का सेवन नहीं करना चाहिए।
  5. छिड़काव करते समय ध्यान रखें कि रसायन की छींटे आस-पास की फसलों या जीव-जन्तुओं पर न पड़े।
  6. अगर कोई दुर्घटना हो जाये तो व्यक्ति को छाया एवं हवादार स्थान पर लिटाकर उसके मुँह से मास्क हटाकर कपड़ों आदि को ढीला कर दें एवं तत्काल प्राथमिक उपचार दें। यदि हालत में सुधार न हो तो व्यक्ति को नजदीक के डाक्टर के पास ले जायें। साथ में रसायन की शीशी व लीफलेट भी ले जायें।

छिड़काव के बाद :

  1. प्रयोग किये हुए रसायन के खाली पैकेट को पानी के स्रोत से दूर जमीन में दबा देना चाहिए।
  2. बची हुई रसायन की मात्रा को सुरक्षित स्थान पर भण्डारित कर देना चाहिए।
  3. छिडकाव के बाद खाने-पीने से पूर्व हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धो लेना चाहिए तथा कपड़ों को धोकर नहा लेना चाहिए।
  4. रसायनों के प्रयोग के बाद खाली कन्टेनर डिब्बों का घरेलू उपयोग में नहीं लाना चाहिए।
  5. उपकरणों को साफ पानी से अच्छी तरह से धोकर रखना चाहिए।
  6. छिड़काव किये हुए खेत में जानवरों आदि को प्रवेश न करने दें तथा नोटिस लगाकर आस-पास लोगों को सूचित भी कर देना चाहिए।

प्राथमिक उपचार

सावधानियाँ बरतने के बाद भी यदि कोई व्यक्ति विषाक्तता का शिकार हो जाता है तो तत्काल निम्नलिखित प्राथमिक उपचार देना चाहिए :-

  1. दवा निगलने की स्थिति में 15 ग्राम नमक को एक गिलास गुनगुने पानी में घोलकर पिलाने से उल्टियाँ होंगी, जिससे दवा पेट से बाहर आ जायेगी।
  2. साँस के द्वारा दवा अन्दर जाने की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति को खुली हवा में बैठाना चाहिए और शरीर के कपड़े आदि को ढीला कर देना चाहिए।
  3. दवा के शरीर के सम्पर्क में आने की स्थिति में हाथ, पैर आदि को अच्छी तरह से साबुन से धो लेना चाहिए तथा आँखों पर साफ पानी का छींटा मारना चाहिए।

प्राथमिक उपचार के बाद यदि व्यक्ति की हालत में सुधार न हो तो तत्काल चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।

कृपया अधिक जानकारी हेतु कि कॉल सेन्टर के निःशुल्क टॉल श्री नं. 1800-100-1551 पर सम्पर्क करें।

विशेष जानकारी हेतु कृषि विभाग के स्थानीय अधिकारी/कर्मचारी से सम्पर्क करें अथरा कृषि विभाग की साइट www.upagrigordarshi.gov.in देखे।

Arun Kumar

Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.

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