प्रयागराज के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी..

शहीदों में अहियापुर के रहने वाले रमेश मालवीय सबसे कम उम्र के थे। सीएवी स्कूल के 9वीं के छात्र रमेश की उम्र महज 13 साल की थी जब वह शहीद हो गए। पिता भानु वैद्य ने बेटे के लिए तमाम सपने संजोए थे। बुढ़ापे का सहारा समझा था। लेकिन फिरंगियों से वतन को आजाद कराने की तमन्ना किशोर रमेश की आंखों में चमक रही थी। इस बीच 12 अगस्त, 1942 को चौक में क्रांतिकारियों ने जुलूस निकाला। उसमें बलूच रेजीमेंट के नायक को रमेश ने पत्थर मार दिया। नायक ने रमेश की आंख में गोली मार दी और वह शहीद हो गए। इसी तरह सीएवी के छात्र त्रिलोकीनाथ कपूर भी शहीद हो गए। 13 अप्रैल, 1932 को शहर में एक जुलूस निकला जो कमला नेहरू रोड और हीवेट रोड के चौराहे पर पहुंचा। वहां अंग्रेज सिपाहियों ने रास्ता रोक दिया। अंग्रेज मजिस्ट्रेट ने कहा कि जुलूस लेकर चले जाओ नहीं तो गोली चला देंगे। उस जुलूस में 17 साल के छात्र त्रिलोकीनाथ कपूर भी शामिल थे। जुलूस के दमन के लिए गोली चलाने का आदेश दे दिया। उस समय त्रिलोकीनाथ ने सीना तानकर कहा कि मुझे गोली मार दो। अंग्रेजों की गोली से वीर छात्र ने प्राणोत्सर्ग कर दिया।

रज्जब अली का जीवन परिचय, स्वतंत्रता सेनानी.

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से लड़कर वीरगति को प्राप्त हुए अमर शहीद रज्जब अली की वीरता की कहानी आज इतिहास के पन्नों में ही सिमटकर रह गयी

झूंगीनाथ मंदिर का इतिहास..

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में स्थित बाबा झूंगीनाथ मंदिर का इतिहास बड़ा ही रोचक है। बस्ती जिला मुख्यालय से करीब 23 किमी दूर दुबौलिया पांडव मार्ग पर स्थित