अशोक वाजपेयी का जीवन परिचय…

By Arun Kumar

Published on:

जीवन-परिचय

अशोक वाजपेयी आधुनिक प्रगतिवादी कविता के सशक्त हस्ताक्षर है। इनका जन्म 16 जनवरी, 1941 ई० को दुर्ग, मध्य प्रदेश (वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य) में हुआ था। इन्होने अपनी कविताओं में आधुनिक जीवन की कटोर वास्तविकताओं का जीवन्त चित्रण किया है। इनके काव्य की यह सर्वप्रमुख विशेषता है कि इन्होंने जीवन का यथार्थ चित्रण तो अवश्य किया है, किन्तु उसमें भदेस का समावेश नहीं होने दिया है।

परिचयः एक दृष्टि में

नामअशोक वाजपेयी।
जन्म16 जनवरी, 1941 ई०।
जन्म-स्थानदुर्ग (सागर), छत्तीसगढ़।
शिक्षासागर विश्वविद्यालय से बी०ए० तथा सेण्ट स्टीफेंस कॉलेज दिल्ली से अंग्रेजी में एम०ए०।
सम्पादनबहुवचन, समास, समवेत (पत्रिका) आदि।
भाषा-शैलीभाषा-साहित्यिक खड़ीबोली।
शैली – अतुकान्त व छन्दमुक्त।
प्रमुख रचनाएँउम्मीद का दूसरा नाम, कोई नहीं सुनता, चींटी, चीख, जबर जोत, पहला चुम्बन, फिर घर, बच्चे एक दिन आदि।
साहित्य में स्थानवर्तमान की कटु सच्चाई को कविताओं का रूप देनेवाले आधुनिक कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान।

साहित्यिक-परिचय

अशोक वाजपेयी समकालीन हिन्दी साहित्य के एक प्रमुख साहित्यकार हैं। इनका रचनात्मक व्यक्तित्व बहुपक्षीय दिखाई देता है। वाजपेयी जी आधुनिक कवि, आलोचक, सम्पादक और संस्कृतिकर्मी हैं। इन्होंने ‘समवेत’, ‘पूर्वग्रह’, ‘समास’ और ‘बहुवचन’ आदि पत्रिकाओं के सम्पादन के साथ-साथ निर्मल वर्मा, टूटी हुई बिखरी हुई (शमशेर बहादुर सिंह की कविताओं का एक चयन), प्रतिनिधि कविताएँ (मुक्तिबोध), सन्नाटे का छन्द (अज्ञेय की कविताएँ) आदि का सम्पादन कार्य भी किया।

इन्हें सन् 1994 ई० में काव्य संग्रह ‘कहीं नहीं वहीं पर साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त इन्हें ‘दयावती कवि शेखर सम्मान’ और ‘कबीर सम्मान’ से भी सम्मानित किया गया है। इन्हें पोलैण्ड के राष्ट्रपति द्वारा ‘द ऑफिसर्स क्रॉस ऑफ मेरिट ऑफ द रिपब्लिक ऑफ पोलैण्ड’ तथा फ्रांसीसी सरकार द्वारा ‘ऑफिसर डी०एल० ऑर्डर डेस आर्ट्स एट डेस लेटर्स’ पुरस्कारों द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। इन्होंने भोपाल (म०प्र०) में भारत भवन की स्थापना में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है।

कृतियाँ- अशोक वाजपेयी की प्रमुख कृतियाँ इस प्रकार हैं-

आविन्यो, उम्मीद का दूसरा नाम, कहीं नहीं वहीं, कुछ रफू कुछ थिगड़े, दुःख चिट्ठीरसा है, पुरखों की परछी में धूप, शहर अब भी सम्भावना है, अपनी आसन्नप्रसवा माँ के लिए, अधपके अमरूद की तरह पृथ्वी, एक खिड़की, एक बार जो, कितने दिन और बचे हैं?, कोई नहीं सुनता, गाढ़े अंधेरे में, चींटी, चीख, जबर जोत, पहला चुंबन, पूर्वजों की अस्थियों में, फिर घर, बच्चे एक दिन, मुझे चाहिए, मौत की ट्रेन में दिदिया, युवा जंगल, वह कैसे कहेगी, वह नहीं कहती, विदा, विश्वास करना चाहता हूँ, वे बच्चे, शरण्य, शेष, सड़क पर एक आदमी, सद्यःस्नाता, समय से अनुरोध, सूर्य।

भाषा-शैली : भाषा-अशोक वाजपेयी निजता और आत्मीयता के कवि है, सार्वजनिकता के नहीं। ये शब्द की अदम्यता और पवित्रता में विश्वास रखते हैं। इन्होंने साहित्यिक खड़ीबोली का प्रयोग किया है।

शैली– इनके काव्य की शैली अतुकान्त व छन्दमुक्त है। इनकी कविताओं के मुख्य केन्द्रबिन्दु मनुष्य, मनुष्य को जिजीविषा, उसका रहस्य, उसका हर्ष-विषाद रहे हैं। इन्होंने अपने काव्य में माता-पिता, प्रेमिका, बालसखा, बेटी, बेटा, बहू के सम्बन्धों को अपने संसार में समेटा है, जिसमें छन्दमुक्त अतुकान्त शैली का प्रयोग किया है।

हिन्दी-साहित्य में स्थान– प्रगतिवादी कविता के प्रसिद्ध कवि अशोक वाजपेयी ने वर्तमान के कटु सत्य कोकविताओं के रूप में विवेचित किया है। इन्होने प्राचीन परम्परा से शक्ति अर्जित कर अपने काव्य को उत्कृष्टता प्रदान की है, इसलिए आधुनिक कवियों में इन्हें महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है

Q. अशोक वाजपेयी ने कौन सी कविता लिखी है?

A. प्रसिद्ध कवि अशोक वाजपेयी ने कुमार गंधर्व पर गद्द कविताएं लिखी हैं। बहुरि अकेला, कुमार गंधर्व पर कविताएं शीर्षक के साथ लिखी इन कविताओं को वाणी प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।

Q. घास में धूप का आकाश किसकी रचना है

A. Ghas Men Dubka Aakash : Ashok Vajpayee

Q. बहुरि अकेला किसकी रचना है

A. प्रसिद्ध कवि अशोक वाजपेयी ने कुमार गंधर्व पर गद्द कविताएं लिखी हैं। बहुरि अकेला, कुमार गंधर्व पर कविताएं शीर्षक के साथ लिखी इन कविताओं को वाणी प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।

Arun Kumar

Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.

Leave a comment