ऐलिया मरही माता मंदिर का इतिहास..

By Arun Kumar

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यहाँ दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामना

बस्ती। ऐलिया मरही माता मंदिर की ख्याति चारो तरफ फैली हुई है। श्रद्धलुओं का मानना ही कि मरही माता का दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

तमाम लोगों की मनोकामना माँ की कृपा से पूर्ण हुई है। इस मंदिर से स्थानीय लोगों के साथ दूरदराज के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है और लोग दर्शन कर मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। नवरात्रि के नव दिन यहां मेले जैसा दृश्य होता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु नवरात्रि में यहां दर्शन करने आते हैं।

मंदिर का इतिहास

मरही माता मंदिर मंदिर की पौराणिकता परिसर में लगा काफी पुराना पीपल का पेड़ बयां कर रहा है। मंदिर के पुजारी महन्थ मायाराम ओझा बताते है कि इस स्थान पर कभी घाना जंगल हुआ करता था। इस रास्ते से दिन में कौन कहे रात में भी किसी का साहस नहीं होता था। कि निकल जाए। एक दिन बालक कोइरी को सपने में माँ नें बताया कि मैं मरही माता हूँ मेरा स्थान इस जंगल में है जो जंगल साफकर मेरी पूजा करगा तो उसका भला होगा। बालक कोइरी नें जंगल साफ कर मिट्टी की पिंडी बनाकर पूजा करना शुरू किया। बाद में जिन जिन का भला होता गया उनके सहयोग से मंदिर का निर्माण हुआ। समय बीता और ऐलिया गांव के पुजारी राजाराम ओझा मंदिर पर माँ की सेवा करना शुरू किए। उनके ब्रह्मलीन होनें के बाद दयाराम ओझा ने सेवा भाव का कार्य शुरू किया। जिन्होंने प्रयास कर भव्य मंदिर व यज्ञशाला का निर्माण करवाया। इस मंदिर पर जिले के साथ ही दूसरे जिले से भी लोग दर्शन करने आते हैं।

मंदिर तक पहुंचने का रास्ता

जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर पर बहादुरपुर विकास क्षेत्र के सोंधिया घाट के पास मनोरमा नदी के तट पर ऐलिया गांव में स्थित है। जिला मुख्यालय से कुसौरा बाजार के लिए सरकारी बस सेवा मिलती है। वहां से सोंधिया घाट के लिए टेक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है।


बचपन से ही मंदिर पर मां की सेवा कर रहा हूँ। नवरात्रि के दिनों के साथ ही प्रत्येक सोमवार व शुक्रवार को मंदिर पर मेले जैसा दृश्य होता है। शासन की पहल पर इस मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में घोषित किया गया। मंदिर सुन्दरीकरण, बाउंड्री व गेट आदि का कार्य हुआ। जिले के साथ ही अन्य जनपदों से भी माँ का दर्शन प्राप्त करने श्रद्धालु आते हैं। मां इनकी मनोकामना अवश्य पूरा करती हैं।
मायाराम ओझा, पुजारी

मरही माता मंदिर पर बचपन से ही दर्शन को आता हूँ। जब भी कोई कष्ट आता है मां को याद करते ही कष्ट दूर हो जाता है। मंदिर पर आकर और मां के दर्शन से मन को बड़ी शांति मिलती है। मरही माता मंदिर अब एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हुआ जिसे लेकर हम सभी को गर्व है।
प्रमोद पाण्डेय, श्रद्धालु

निष्कर्ष

भारतीय सरकार में आपका स्वागत है। मरही माता मंदिर मंदिर की पौराणिकता परिसर में लगा काफी पुराना पीपल का पेड़ बयां कर रहा है। मंदिर के पुजारी महन्थ मायाराम ओझा बताते है कि इस स्थान पर कभी घाना जंगल हुआ करता था। इस रास्ते से दिन में कौन कहे रात में भी किसी का साहस नहीं होता था।

FAQ

Q. ऐलिया मरही माता मंदिर कहा है?

A. उत्तर प्रदेश, बस्ती

Q. ऐलिया मरही माता मंदिर मंदिर के पुजारी कोन है?

A. मायाराम ओझा

Q. मंदिर का स्थित है?

A. उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के विकास खंड बहादुरपुर में।

Arun Kumar

Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.

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