जयप्रकाश भारती जीवन परिचय: जयप्रकाश भारती का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ नगर में एक मध्यवर्गीय परिवार में 2 जनवरी, 1936 ई० को हुआ। इनके पिता का नाम रघुनाथ सहाय था वे मेरठ के प्रसिद्ध एडवोकेट थे। भारतीजी ने मेरठ विश्वविद्यालय से ही बी० एस-सौ० की परीक्षा उत्तीर्ण की।
परिचय: एक दृष्टि में
नाम | जयप्रकाश भारती |
पिता का नाम | श्री रघुनाथ सहाय |
जन्म | 2 जनवरी 1936 ई० |
जन्म – स्थान | उत्तर प्रदेश के मेरठ नगर में |
शिक्षा | बी०एसo सी० |
सम्पादन | साप्ताहिक हिन्दुस्तान, नन्दन (पत्रिका) |
लेखन- विद्या | पत्रिका एवं पुस्तक तथा बाल- साहित्य |
भाषा-शैली | सरल एवं सहज, वर्णनात्मक, चित्रात्मक एवं भावात्मक |
प्रमुख रचनाएँ | हमारे गौरव के प्रतीक, आदिम युग से अणु युग तक, सरदार भगतसिंह, लोकमान्य तिलक, बर्फ की गुड़िया, दुनिया रंग-बिरंगी । |
निधन | 5 फरवरी, 2005 ई0 |
साहित्य में स्थान | जयप्रकाश भारती हिन्दी साहित्य के जगत् में बाल-साहित्य व वैज्ञानिक लेखों के लिए प्रसिद्ध थे |
विद्यार्थी जीवन से ही इनकी लेखन कार्य में रुचि थी।भारतीजी ने ‘सम्पादन कला-विशारद’ की उपाधि प्राप्त करके ‘दैनिक प्रभात’ (मेरठ), ‘नवभारत टाइम्स’ (दिल्ली) में पत्रकारिता का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। ये अनेक वर्षों तक दिल्ली से प्रकाशित ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ पत्रिका के सह-सम्पादक भी रहे। इन्होंने प्रख्यात बाल पत्रिका ‘नन्दन’ का सम्पादन भी किया। भारतीजी हिन्दी के पत्रकारिता जगत् और किशोरोपयोगी वैज्ञानिक साहित्य के क्षेत्र में अग्रणी रहे। हिन्दी – साहित्य के इस महान् लेखक का 69 वर्ष की अवस्था में 5 फरवरी, 2005 ई० को निधन हो गया।
साहित्यिक परिचय
जयप्रकाश भारती को हिन्दी की साहित्यिक शैली में वैज्ञानिक लेख प्रस्तुत करने का अपूर्व श्रेय प्राप्त हैं। इनके लेख, कहानियाँ, रिपोर्ताज आदि समय-समय पर हिन्दी की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे। इनकी ‘हिमालय की पुकार’ और ‘अनन्त’ ‘प्रकाश’, ‘अथाह सागर’ जैसी पुस्तके यूनेस्को द्वारा पुरस्कृत हैं। “विज्ञान की विभूतियाँ’, ‘देश हमारा देश हमारा’ और ‘चलो चाँद पर चलें’ नामक पुस्तकें भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत हैं। बालकों एवं किशोरों के ज्ञानवर्द्धन हेतु इन्होंने नैतिक, सामाजिक एवं वैज्ञानिक विषयों पर लेखनी चलाकर बाल साहित्य को बहुत समृद्ध बनाया। इनकी रचनाओं में राष्ट्रप्रेम, राष्ट्र प्रेमियों के प्रति श्रद्धा तथा भारत के अतीत गौरव का अंकन है। इस प्रकार भारतीजी का साहित्यिक अवदान श्रेष्ठ बन पड़ा है।
कृतियाँ – सरदार भगतसिंह, हमारे गौरव के प्रतीक’, ‘अस्त्र-शस्त्र’, ‘आदिम युग से अणु युगतक उनक बचपन ‘यू बीता’, ‘ऐसे ये हमारे बापू’, ‘लोकमान्य तिलक’, ‘बर्फ को गुड़िया संयुक्त राष्ट्रसंघ दुनिया रंग-बिरंगी आदि।
भाषा-शैली भाषा भारतीजी को भाषा सरल तथा सहज है। भाषा को अधिक बोधगम्य बनाने के लिए इन्ह अंग्रेजी और उर्दू के शब्दों का भी प्रयोग किया है; जैसे रेडियो, टेलीविजन, लेसर, दुनिया, पढें आदि। इनकी मा विषयानुकूल बदलती रही है। इन्होंने आवश्यकतानुसार वैज्ञानिक पारिभाषिक शब्दावली का भी प्रयोग किया है। इस प्रकारस्पष्ट है कि भारतीजी का भाषा सहज, स्वाभाविक, विषयानुकूल खाँबोली है।
शैली — भारतोजी की विविध शैलियों का विवरण इस प्रकार है-
1. वर्णनात्मक शैली—इनकी इस शैली में वर्णनात्मकता तथा चित्रात्मकता का समन्वय है। इन्होंने अपने वैज्ञानिक निबन्धों में यथासम्भव विवरण भी दिए हैं। इनमें सरस और सरल भाषा का प्रयोग हुआ है।
2. रेखाचित्र शैली — भारतोजो ने रेखाचित्र शैली का भी प्रयोग किया है। इसके माध्यम से इन्होंने वस्तु, व्यक्ति तथा घटनाओं के बड़े सुन्दर शब्द-चित्र अंकित किए है।
3. विचारात्मक शैली– इसका प्रयोग किसी समस्या अथवा घटना पर विचार करने के लिए किया है। इसकी भाषा वैज्ञानिक पारिभाषिक शब्दों से युक्त है।
4. भावात्मक शैली— भारतीजी ने अपने निबन्धों में जगह-जगह कवित्व का पुट देकर उन्हें सरस बनाया है, जिससे वैज्ञानिक निबन्ध भी सरल हो गए है।६. उद्धरण शैली–लेखक ने अपने विषयों की पुष्टि करने के लिए अन्य विद्वानों के मतों को उद्धृत किया है।
6. चित्रात्मक शैली—इस शैली द्वारा भारतीजी ने घटनाओं, वस्तुओं एवं दृश्यों के शब्द-चित्र प्रस्तुत कर दिए हैं।
हिन्दी साहित्य के स्थान – जयप्रकाश भारती हिन्दी-साहित्य में एक नवीन अध्याय लेकर अवतरित हुए। उन्होंने बाल-साहित्य, वैज्ञानिक निबन्ध और पत्रकारिता से विशेष प्रसिद्धि प्राप्त की। वैज्ञानिक विषयों को भारतीजी ने हिन्दी में प्रस्तुत किया तथा उसे सरल, रोचक तथा चित्रात्मक बनाया। इसके साथ ही इन्होंने लेख, कहानियाँ एवं रिपोर्ताज आदि अन्यसाहित्यिक क्षेत्रों में भी हिन्दी साहित्य को सम्पन्न किया है। हिन्दी साहित्य सदैव इनका ऋणी रहेगा।
निष्कर्ष
भारतीय सरोकार में आपका स्वागत है दोस्तों भारतीय सरोकार की इस पोस्ट के माध्यम से जयप्रकाश भारती द्वारा हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उनके द्वारा रचित रचनाओं, उनका जन्म स्थान, हिंदी साहित्य में उनके योगदान से संबंधित पूरी जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से आपको दे दी गई है निश्चित रूप से इस पोस्ट के माध्यम से आपको जयप्रकाश भारती से संबंधित पूरी जानकारी आपको मिल चुके होगी।
FAQ
Q. जयप्रकाश भारती का संक्षिप्त परिचय?
A. हमारे गौरव के प्रतीक, आदिम युग से अणु युग तक, सरदार भगत सिंह, लोकमान्य तिलक, बर्फ की गुड़िया, दुनिया रंग-बिरंगी आदि। साहित्य में स्थान – भारती जी ने हिन्दी साहित्य जगत् में बाल-साहित्य व वैज्ञानिक लेखों के क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण कार्य किया
Q. जयप्रकाश भारती का जन्म कब हुआ था?
A. जयप्रकाश भारती (०२ जनवरी, १९३६ ई॰ – 5 फरवरी, 2005) हिन्दी के प्रख्यात लेखक और नन्दन के पूर्व सम्पादक थे।
Q. जयप्रकाश भारती के पिता का नाम।
A. श्री रघुनाथ सहाय
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