सात राज्यों से जारी किए गए फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र

By Arun Kumar

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लखनऊः दवा की दुकान खोलने के लाइसेंस के लिए यूपी फार्मेसी काउंसिल में आवेदन करना होता है। वहां से जांच के बाद लाइसेंस जारी किया जाता है। हाल ही में लाइसेंस के लिए कई लोगों ने आनलाइन आवेदन किए थे। इन आवेदनों की जांच में 50 आवेदकों के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी मिले थे। यह सभी शैक्षिक प्रमाण पत्र सात राज्यों के 14 अलग-अलग फार्मेसी विश्वविद्यालय और कालेज के नाम से जारी किए गए थे।सभी के प्रमाण पत्रों पर अधिकारी के हस्ताक्षर और मुहर भी लगी थी।

इनमें उत्तर प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों से 20, राजस्थान से 18, मध्य प्रदेश से सात, पंजाब से दो, कनार्टक, उत्तराखंड और हरियाणा से एक-एक आवेदक ने फर्जी प्रमाण पत्र लगा रखा था। जांच में फर्जी पाए जाने के बाद काउंसिल ने सभी के आवेदन निरस्त कर दिए। वहीं रजिस्ट्रार डा. भानु प्रताप सिंह ने सभी के खिलाफ गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इंस्पेक्टर गाजीपुर विकास राय ने बताया कि सारे प्रमाण पत्रों की जांच फोरेंसिक लैब में कराई । इसके लिए काउंसिल से जाएगी दस्तावेज मांगे गए हैं।जांच में पुलिस का सहयोग करेंगे तीन कर्मचारीः इंस्पेक्टर गाजीपुर विकास राय ने बताया कि फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार डा. भानु प्रताप सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करने वाली पुलिस टीम को पूरा सहयोग देने की बात कही है। इसके लिए तीन कर्मचारियों को नामित कर दिया है। इसमें विशेष कार्याधिकारी रमेश चंद्र श्रीवास्तव, सहायक लिपिक विकास सिंह और विजय सिंह को लगाया गया है।

Arun Kumar

Arun Kumar is a senior editor and writer at www.bhartiyasarokar.com. With over 4 years of experience, he is adept at crafting insightful articles on education, government schemes, employment opportunities and current affairs.

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