रजनेश सक्सेना
बरेली : परिवार ने समय से सूझ बूझ नहीं दिखाई होती तो डाक्टर नजबुल भी लाखों रुपये गंवा चुके होते। साइबर ठगों ने उन्हें जाल में ऐसा फंसाया कि दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। ठगों ने कहा कि वह डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) हो चुके हैं। यदि फोन काटा तो घर के आस-पास खड़ी सीबीआइ की टीम उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। डर की वजह से डाक्टर ने स्वजन को कुछ बताया नहीं, सिर्फ कागज पर लिखा कि ‘मैं फंस गया हूं’। इसके बाद बैंक के दस्तावेज लेकर होटल पहुंच गए। गनीमत रही कि स्वजन की शिकायत पर सात घंटे के अंदर उन्हें ट्रेस कर ठगी का शिकार होने से बचा लिया।
आधार कार्ड मुंबई में हवाला फिर बोला आरबीआइ एवं सीबीआइ
क्लीनिक संचालित करने वाले नजबुल हसन के पास शनिवार दोपहर अनजान व्यक्ति का फोन आया। उसने कहा कि आपका आधार कार्ड मुंबई में हवाला कारोबार में नरेश गोयल व उसके पार्टनर ने प्रयोग किया है। इसकी जांच आरबीआइ एवं सीबीआइ कर रही है। उसने धमकाया कि यदि फंसना नहीं चाहते तो तत्काल अपनी पासबुक व अन्य रिकार्ड लेकर किसी होटल में तीन दिन के लिए रुक जाओ। कहां जा रहे हो, इस बारे में भी किसी को नहीं बताना।
स्वजन के अनुसार
स्वजन के अनुसार, फोन पर बात के दौरान डा. नजबुल परेशान दिख रहे थे मगर, किसी को कुछ नहीं बताया। दो घंटे बाद वह घर से निकले तो एक कागज की ओर इशारा कर बढ़ गए।